बैक टू पवेलियन



सुनो निवि... आनंद ने धीरे से कहा... 
बैठो ...और निवेदिता को बेड पर बिठाया ...
ये आंसूं क्यों निवि ...तुम्हारी तबियत तो ठीक है ...

निवेदिता सर नीचे करके बैठे हुए थी, कुछ पल बाद सर उठाकर आँखों में आँसूं भरके मुस्कुराती हुई बोली ...एंडी एक बात जानते हो तुम ...तुम बहुत अच्छे हो यार ...इतने अच्छे कि किसी को भी अपना बना लो ... इतने सरल के कोई भी तुमसे प्यार करने लगे ...पानी भरी हुई आँखों से और भरे हुए गले से आनंद को कहा 

आनंद मुस्काया ...निवि अच्छा कैसे ... ये बताओ ...

एंडी ...तुम मेरे कमरे में थे कल रात ... आज मैं तुम्हारे कमरे में हूँ ...अकेली लड़की अपने शहर से दूर ...तुमने एक बार भी फ़ायदा उठाने की कोशिश नहीं की ...न्यू जोइनी हूँ ...चाहते तो कुछ लालच देकर कुछ भी कर सकते थे ... और सरल इतने कि ...

रुको रुको ... तुम्हारा फायदा तो नहीं उठाया हाँ यह बात तो सही है ...आनंद अपनी आवाज़ हिंदी फिल्मों के विलन की तरह भारी करके बोला ...वैसे हम तुम्हारा फ़ायदा उठाएंगे ...कहकर आनंद बेड की दूसरी तरफ जाता है ...और धीरे से पिलो उठा कर निवेदिता को पीछे से पिलो से मारता है ... निवेदिता  पलटती है ...क्या कर रहे हो एंडी ...आनंद पलंग पर खड़ा हो जाता है पिलो लेकर ...अब पिटोगी तुम ...और ज़ोर से हंसने लगता है ... ये लो और वो २-३ वार पिलो के वार करता है ... निवेदिता भी ताव में आकर दूसरा पिलो उठा लेती है ...और दोनों पिलो फाइट करने लगते हैं ... और हंसने लगते हैं ... थोड़ी देर बाद दोनों थककर खिलखिलाते हुए बेड पर बैठते हैं ...

ओह ...निवेदिता कहती है ... तुम्हारा ये रूप भी देखना था एंडी 
उफ़ ...हाँ ...कुछ हांफता हुआ आनंद कहता है 

तभी आनंद के मोबाइल पर किशन का कॉल आता है ... सर मैडम की  तबियत कैसी है अब ...
हाँ अब निवेदिता की तबियत ठीक है ...आनंद निवेदिता की तरफ आँख मारते हुए कहता है ...
निवेदिता मुँह दबा के हंसती है ...
सर, एक्सपो से फ्री हो गया हूँ...  मैं होटल आ जाता हूँ आप लोग रेडी हो जाईयेगा ... हमारे घर चलना हैं न  ...वाइफ का भी फ़ोन आया था ... डिनर के लिए ...
हाँ किशन ...तुम पहुँचो...हम लोग लॉबी में मिलेंगे ...

निवि ...चल जा कर तैयार हो जा .. .और लॉबी में पहुँच, किशन आएगा अभी ... गेट अप... 
निवेदिता आलस मरोड़ते हुए कहती है ...मन नहीं है एंडी यार ...यहीं होटल में रुकते हैं न ...गप्प लगाएंगे ...
गप्प का टाइम नहीं है निवि ...जाके तैयार हो और सामन भी पैक कर लेना, ट्रॉली... बैग्स वगैरह, सब ले लेना, वहीँ से सीधे स्टेशन चलेंगे  ...
ओके आनंद सर ...निवेदिता बेड से उठती है और सेल्यूट मारते हुए बाहर जाने को होती है ...दरवाज़े तक जाकर मुड़ती है और आनंद से कहती है ...थैंक्स एंडी ...और दरवाज़ा खोलकर अपने रूम की तरफ बढ़ती है ...

आनंद कुछ समझ नहीं पता ...सोच में पड़ जाता है ... ये लड़कियां भी न ...एक पल में तोला ...एक पल में मासा ...

आनंद और निवेदिता किशन के घर खाना खाकर स्टेशन पहुँचते हैं 
आनंद किशन से कहता है ...किशन आप चलो ... थैंक्स फॉर द लवली हॉस्पिटैलिटी एंड योर सपोर्ट फॉर थे एक्सपो ...
किशन दांत निपोर के मुस्काता है और कहते है ... सर कब कब हेड ऑफिस वालों से मिलना होता है ...
हाँ हाँ ठीक है, तुम्हारा पी .आर. ...आनंद कहता है और सब हंसने लगते हैं 

किशन हैप्पी जर्नी विश करके रवाना होता है 

निवेदिता आनंद से कहती है ...एंडी दीस पीपल  आर सो सिंपल एंड लविंग ...
हाँ निवि ...मैं भी जिनसे मिलने गया  था वो लोग भी काफी लविंग थे...
वैसे एंडी बताया नहीं तुमने किनसे मिलने गए थे ...
आनंद मुस्काता है ...बताऊंगा ...
पूनम का कॉल आता है ...आनंद उठकर टहलता हुआ पूनम से बात करता है ...हाँ चाँद कैसी हो ...
मैं ठीक हूँ ...कैसा रहा तुम्हारा आज का दिन ...
बस ठीक था ...किशन ने इन्वाइट किया था डिनर पर, अभी पहुंचें हैं स्टेशन डिनर करके ...
अच्छा ...सुबह ऑफिस कितने बजे आओगे, लेट तो नहीं ना ...
अब ट्रैन अगर टाइम पर हुई तो लेट नहीं होऊंगा ...पर क्यों ...
तुम पागल हो ...तुम्हें देखना है जल्दी से ...
आनंद हँसता है ... हाँ भई ...
तभी ट्रैन आती देख आनंद पूनम को बाय कहता है.

किशन के घर पर खाने और एक्सपो की बातें करते हुए आनंद और निवेदिता ट्रैन में सवार होते हैं ...

आनंद अपनी और निवेदिता की बर्थ पर चादर बिछाता है, निवेदिता उसे देखती है और कहती है ...तुम ना ...
आनंद उसकी तरफ देखकर पूछता है ... क्या, ठीक तो बिछी है चादर ...
निवेदिता सर झटका कर सिर्फ इतना कहती है ...नथिंग ...गुड नाईट 
आनंद भी मुस्करा कर निवेदिता को गुड नाईट विश करता है.


- मनोज के.



Comments

Post a Comment

आपको यह ब्लॉग कैसा लगा, कहानियाँ और संस्मरण कैसे लगे.. अपने विचारों से मुझे अनुगृहित करें.