सर्द शाम
ऑफिस में सेकंड सैटरडे का ऑफ है, और आज फ्राइडे को बहुत सारा काम पेंडिंग दिख रहा है, आनंद कुछ सीरियस होकर बोला...
पूनम ने प्रोफ़ेशनल की तरह जवाब दिया, दो क्लाइंट कोड ओपन कर दिए, एक लंच से पहले हो जाएगा... शेफ़ाली काम कर रही है उसपर. आपको 4 बजे एक स्क्याप कॉल करना है, डिटेल्स मेल कर दी है. स्माइल करते हुए कहा पूनम ने...
गुड पूनम. और आनंद अपने चैम्बर की तरफ चल गया...
शेफ़ाली ने सब देखा और पूनम से पूछा ...सुन ये तुमलोग आज कैसे बात कर रहे हो...
पूनम ने स्माइल किया और कहा... हम लोगों ने पैक्ट किया है, अब से ऑफिस में सिर्फ प्रोफेशनल बीहेव करेंगे...
और आफिस के बाद...शेफ़ाली शरारत के मूड में थी...
तू काम कर.. पूनम ने आँखे फैला कर कहा...
शेफ़ाली हंस पड़ी
4 बजे आनंद के चैम्बर में पूनम कहती है...
वो क्लाइंट कॉल अब मंडे को होगी..और जाने को होती है...
फिर मुड़कर कहती है ... यह प्रोफेशनल वाला मामला बड़ा अजीब सा लगता है, नज़र झुका के कहती है...
आनंद बड़े प्यार से उसकी तरफ देखकर कहता है... यार अब तुमने ही पैक्ट बनाया है..
सुनो चाँद आज पूर्णिमा है, ऑफिस में कुछ खास काम भी नहीं है, एक काम करते हैं, पहाड़ पर चलते हैं... नीचे कॉफी ले लेंगे और थोड़ी देर चाँद को निहार के... वापिस आ जाएंगे...
कौनसा चाँद आनंद...हल्के से मुस्कुरा दी पूनम
आनंद चेयर से उठकर थोड़ा करीब आया पूनम के और कहा... मैं तुम्हे देखूंगा
और तुम चाहो तो ...
पूनम लजाते हुए चैम्बर से बाहर जाने को हुई.. और रुककर जल्दी से कहा 6 बजे पार्किंग, और मीठी मुस्कान के साथ अपनी डेस्क की ओर चली गयी...
-मनोज के.
पूनम ने प्रोफ़ेशनल की तरह जवाब दिया, दो क्लाइंट कोड ओपन कर दिए, एक लंच से पहले हो जाएगा... शेफ़ाली काम कर रही है उसपर. आपको 4 बजे एक स्क्याप कॉल करना है, डिटेल्स मेल कर दी है. स्माइल करते हुए कहा पूनम ने...
गुड पूनम. और आनंद अपने चैम्बर की तरफ चल गया...
शेफ़ाली ने सब देखा और पूनम से पूछा ...सुन ये तुमलोग आज कैसे बात कर रहे हो...
पूनम ने स्माइल किया और कहा... हम लोगों ने पैक्ट किया है, अब से ऑफिस में सिर्फ प्रोफेशनल बीहेव करेंगे...
और आफिस के बाद...शेफ़ाली शरारत के मूड में थी...
तू काम कर.. पूनम ने आँखे फैला कर कहा...
शेफ़ाली हंस पड़ी
4 बजे आनंद के चैम्बर में पूनम कहती है...
वो क्लाइंट कॉल अब मंडे को होगी..और जाने को होती है...
फिर मुड़कर कहती है ... यह प्रोफेशनल वाला मामला बड़ा अजीब सा लगता है, नज़र झुका के कहती है...
आनंद बड़े प्यार से उसकी तरफ देखकर कहता है... यार अब तुमने ही पैक्ट बनाया है..
सुनो चाँद आज पूर्णिमा है, ऑफिस में कुछ खास काम भी नहीं है, एक काम करते हैं, पहाड़ पर चलते हैं... नीचे कॉफी ले लेंगे और थोड़ी देर चाँद को निहार के... वापिस आ जाएंगे...
कौनसा चाँद आनंद...हल्के से मुस्कुरा दी पूनम
आनंद चेयर से उठकर थोड़ा करीब आया पूनम के और कहा... मैं तुम्हे देखूंगा
और तुम चाहो तो ...
पूनम लजाते हुए चैम्बर से बाहर जाने को हुई.. और रुककर जल्दी से कहा 6 बजे पार्किंग, और मीठी मुस्कान के साथ अपनी डेस्क की ओर चली गयी...
-मनोज के.
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ReplyDeleteहम जैसे लोगों द्वारा भी ये सब और समय के इस बदलाव को स्वीकार कर लिया जाए तो कुछ भी अटपटा या एब्नॉर्मल नही, समाज ने ऐसे बहुत कुछ को स्वीकृति प्रदान कर दी हैं जो हमारे समय में अकल्पनीय या बदनामी के कारण माने जाते थे.
ReplyDeleteलिखते रहो, शुभकामनाएं