इति अथ !
14 फरवरी का दिन था, ऑफिस में सजावट की गई थी... लाल सफेद गुब्बारे, कुछ गुलाब के फूल दान... ऐसा लग रहा था मानो किसी त्यौहार को मनाने की तैयारी की गई हो, ऑफिस में सब जानते थे आनंद और पूनम के बारे में... इस वैलेंटाइन डे को मनाने का कुछ खास रीजन भी था आज क्योंकि पूनम और आनंद की सगाई होने वाली थी ...
पूनम और शेफाली आज ऑफिस लेट पहुंचे... दोनों ही साथ स्कूटर से पी.जी. से निकलते थे ऑफिस के लिए, आज स्कूटर का टायर बीच रास्ते पंचर हो गया था इस कारण दोनों थोड़ा लेट हो गए ...
दोनों जैसे ही ऑफिस में आए निवेदिता अपनी डेस्क से दौड़ कर आई और पूनम को पूछा ...पूनम कुछ उदास लग रही हो आर यू ऑल राइट...
पूनम थोड़ा सहज होकर बोली... हां बस थोड़ा सा लेट हो गए रास्ते में स्कूटर पंचर हो गया था ...
निवेदिता ने उसको हैप्पी वैलेंटाइंस डे विश किया और आनंद के चेंबर की तरफ इशारा करते हुए कहा... कोई तुम्हारा इंतजार कर रहा है पूनम...
पूनम हल्के से मुस्काई और निवेदिता को कहा निवि, मुझे मालूम है
पूनम पर जा कर अपनी डेस्क पर बैठी और एक कॉफी पीने के बाद थोड़ा सा सहज हुई है तो आनंद के चैम्बर की तरफ गयी.
आनंद मानो उसी का इंतजार कर रहा था, जैसे ही पूनम चेंबर में दाखिल हुई, आनंद ने उसे वैलेंटाइंस डे विश किया, पूनम ने थैंक्स कहा और एक फ्लाइंग किश आनंद दिया.
पूनम ने कहना शुरू किया आनंद मम्मी पापा से मेरी बात हो गई है पापा थोड़े से कन्विंस्ड नहीं थे मगर मम्मी बहुत खुश हैं और जब तक हम उज्जैन पहुंचेंगे तो शायद पापा भी मान जाए
आनंद कुछ सीरियस हुआ और कहा ...हां चांद इधर पापा भी ऑफिस के काम से जयपुर आने वाले हैं शायद शनिवार शाम तक यहां पहुंचेंगे, मैं चाहता हूं तुम पापा से भी मिल लो पूनम कहती है... हां मैं मिलूंगी लेकिन उज्जैन कब चलना है उसका कुछ डिसाइड हुआ क्या...
आनंद कहता है 21 का रिजर्वेशन करवाने की सोच रहा हूं 22 और 23 उज्जैन रह लेंगे और फिर वापस जयपुर क्या कहती हो...
पूनम कहती है... हां ठीक है मुझे कोई दिक्कत नहीं है मैं घर पर इन्फॉर्म कर दूंगी ...और कह कर चेंबर से निकल जाती है
15 को शाम को आनंद अपने फ्लैट से पूनम को फोन मिलाता है और कहता है चांद पापा से वीडियो कॉल पर तुम्हारी बात करवा रहा हूं, पापा सुबह जल्दी निकलेंगे उनकी फ्लाइट है...
पूनम थोड़ा घबराती है और कहती है मुझे 5-10 मिनट दो, मैं थोड़ा सा तैयार हो जाऊं
आनंद हँसता है और कहता... है हां चाँद, हो जाओ तैयार ...
इधर शिफाली पीजी के किचन में खाने की तैयारी कर रही होती है पूनम भागकर किचन पहुंचती है और शेफाली को कहती है ...शेफु फस गए यार... आनंद अपने पापा से मेरी बात करवाएगा वीडियो कॉल पर अब मैं क्या करूं...
शेफाली दाल का छौंक लगाते हुए बोलती है... तू ना हर बात को बहुत बड़ा चढ़ाकर बोलती है... करना क्या है वीडियो कॉल पर बात कर लेना जैसे सामने मिलती वैसे ही वीडियो कॉल पर बात हो जाएगी... कॉल लगते ही उन्हें प्रणाम करना और जो जो पूछे उनका सिंसेरेली जवाब देना ...शेफाली ने थोड़ा सा ज्ञान बांटा
पूनम को कुछ राहत महसूस हुई, दौड़कर अपने कमरे में गई और अपने बाल ठीक किए... माथे पर बिंदी लगाई और आनंद को कॉल लगाया, हां मैं रेडी हूं... वीडियो कॉल पर बात करने के लिए
आनंद ले वॉइस कॉल से वीडियो कॉल में स्विच किया और अपने पापा को फोन दिया... हेलो बेटा आनंद के पापा कहते हैं
पूनम कहती है ...प्रणाम अंकल
आनंद के पापा बड़े खुश होते हैं उसे देखकर कहते हैं... बेटा तुम तो बहुत सुंदर दिखती हो इस गधे को कहां मिल गई ...
पूनम थोड़ा हंसती है और कहती है... हम लोग साथ ही हैं ऑफिस में ...और यह बोलने के बाद थोड़ा घबराती भी है सोचती है यह सब तो आपके पापा को पता ही है
आनंद के पापा बोलते हैं ...हां बेटा मुझे मालूम है आनंद की मम्मी ने पहले ही मुझे बता दिया था मैं बहुत खुश हूं बेटा तुम्हारे लिए गॉड ब्लेस यू मैं अपना काम खत्म करके अगले संडे को तुम्हें उज्जैन में मिलूंगा ...और इतना कहकर कॉल डिसकनेक्ट करते हैं
शेफाली नैपकिन से हाथ पहुँचते हुए कमरे में आती है और कहती है, पूनम ऐसे क्या बैठी है, कॉल लगा ले आनंद को, बात करनी है न उनके पापा से ... पूनम उसकी तरफ देखती है और कहती है... यार मुश्किल से आधा मिनट बात हुई है ...और उन्होंने मुझे गॉड ब्लेस यू भी कह दिया
शेफाली कुछ समझ नहीं पाती और कहती है क्या बकवास कर रही है पुन्नो ...
पूनम कहती है हां मेरी वीडियो कॉल पर बात हो गई शेफाली, आनंद के पापा ने थोड़ी ही बात की और मुझे गॉड ब्लेस यू भी बोल दिया ...
शेफाली खुश होती है ...पूनम तेरा तो काम बन गया बेटा ...जा मौज कर अब कोई अड़ंगा नहीं है ...
पूनम हंसती है और कहती है... हां आनंद के पापा मम्मी बहुत अच्छे हैं... लेकिन अब जब उज्जैन जाएंगे तब पापा को थोड़ा कन्वेंस करना मुश्किल लग रहा है...
शिफाली कहती है ...अरे लड़की के पिता हमेशा डरे हुए रहते हैं....मुझे पूरा भरोसा है कि तुम लोग जब उज्जैन जाओगे तो तुम्हारे पापा भी तुमसे और आनंद से बात करके कन्वेंस हो जाएंगे...
पूनम और शेफाली आज ऑफिस लेट पहुंचे... दोनों ही साथ स्कूटर से पी.जी. से निकलते थे ऑफिस के लिए, आज स्कूटर का टायर बीच रास्ते पंचर हो गया था इस कारण दोनों थोड़ा लेट हो गए ...
दोनों जैसे ही ऑफिस में आए निवेदिता अपनी डेस्क से दौड़ कर आई और पूनम को पूछा ...पूनम कुछ उदास लग रही हो आर यू ऑल राइट...
पूनम थोड़ा सहज होकर बोली... हां बस थोड़ा सा लेट हो गए रास्ते में स्कूटर पंचर हो गया था ...
निवेदिता ने उसको हैप्पी वैलेंटाइंस डे विश किया और आनंद के चेंबर की तरफ इशारा करते हुए कहा... कोई तुम्हारा इंतजार कर रहा है पूनम...
पूनम हल्के से मुस्काई और निवेदिता को कहा निवि, मुझे मालूम है
पूनम पर जा कर अपनी डेस्क पर बैठी और एक कॉफी पीने के बाद थोड़ा सा सहज हुई है तो आनंद के चैम्बर की तरफ गयी.
आनंद मानो उसी का इंतजार कर रहा था, जैसे ही पूनम चेंबर में दाखिल हुई, आनंद ने उसे वैलेंटाइंस डे विश किया, पूनम ने थैंक्स कहा और एक फ्लाइंग किश आनंद दिया.
पूनम ने कहना शुरू किया आनंद मम्मी पापा से मेरी बात हो गई है पापा थोड़े से कन्विंस्ड नहीं थे मगर मम्मी बहुत खुश हैं और जब तक हम उज्जैन पहुंचेंगे तो शायद पापा भी मान जाए
आनंद कुछ सीरियस हुआ और कहा ...हां चांद इधर पापा भी ऑफिस के काम से जयपुर आने वाले हैं शायद शनिवार शाम तक यहां पहुंचेंगे, मैं चाहता हूं तुम पापा से भी मिल लो पूनम कहती है... हां मैं मिलूंगी लेकिन उज्जैन कब चलना है उसका कुछ डिसाइड हुआ क्या...
आनंद कहता है 21 का रिजर्वेशन करवाने की सोच रहा हूं 22 और 23 उज्जैन रह लेंगे और फिर वापस जयपुर क्या कहती हो...
पूनम कहती है... हां ठीक है मुझे कोई दिक्कत नहीं है मैं घर पर इन्फॉर्म कर दूंगी ...और कह कर चेंबर से निकल जाती है
15 को शाम को आनंद अपने फ्लैट से पूनम को फोन मिलाता है और कहता है चांद पापा से वीडियो कॉल पर तुम्हारी बात करवा रहा हूं, पापा सुबह जल्दी निकलेंगे उनकी फ्लाइट है...
पूनम थोड़ा घबराती है और कहती है मुझे 5-10 मिनट दो, मैं थोड़ा सा तैयार हो जाऊं
आनंद हँसता है और कहता... है हां चाँद, हो जाओ तैयार ...
इधर शिफाली पीजी के किचन में खाने की तैयारी कर रही होती है पूनम भागकर किचन पहुंचती है और शेफाली को कहती है ...शेफु फस गए यार... आनंद अपने पापा से मेरी बात करवाएगा वीडियो कॉल पर अब मैं क्या करूं...
शेफाली दाल का छौंक लगाते हुए बोलती है... तू ना हर बात को बहुत बड़ा चढ़ाकर बोलती है... करना क्या है वीडियो कॉल पर बात कर लेना जैसे सामने मिलती वैसे ही वीडियो कॉल पर बात हो जाएगी... कॉल लगते ही उन्हें प्रणाम करना और जो जो पूछे उनका सिंसेरेली जवाब देना ...शेफाली ने थोड़ा सा ज्ञान बांटा
पूनम को कुछ राहत महसूस हुई, दौड़कर अपने कमरे में गई और अपने बाल ठीक किए... माथे पर बिंदी लगाई और आनंद को कॉल लगाया, हां मैं रेडी हूं... वीडियो कॉल पर बात करने के लिए
आनंद ले वॉइस कॉल से वीडियो कॉल में स्विच किया और अपने पापा को फोन दिया... हेलो बेटा आनंद के पापा कहते हैं
पूनम कहती है ...प्रणाम अंकल
आनंद के पापा बड़े खुश होते हैं उसे देखकर कहते हैं... बेटा तुम तो बहुत सुंदर दिखती हो इस गधे को कहां मिल गई ...
पूनम थोड़ा हंसती है और कहती है... हम लोग साथ ही हैं ऑफिस में ...और यह बोलने के बाद थोड़ा घबराती भी है सोचती है यह सब तो आपके पापा को पता ही है
आनंद के पापा बोलते हैं ...हां बेटा मुझे मालूम है आनंद की मम्मी ने पहले ही मुझे बता दिया था मैं बहुत खुश हूं बेटा तुम्हारे लिए गॉड ब्लेस यू मैं अपना काम खत्म करके अगले संडे को तुम्हें उज्जैन में मिलूंगा ...और इतना कहकर कॉल डिसकनेक्ट करते हैं
शेफाली नैपकिन से हाथ पहुँचते हुए कमरे में आती है और कहती है, पूनम ऐसे क्या बैठी है, कॉल लगा ले आनंद को, बात करनी है न उनके पापा से ... पूनम उसकी तरफ देखती है और कहती है... यार मुश्किल से आधा मिनट बात हुई है ...और उन्होंने मुझे गॉड ब्लेस यू भी कह दिया
शेफाली कुछ समझ नहीं पाती और कहती है क्या बकवास कर रही है पुन्नो ...
पूनम कहती है हां मेरी वीडियो कॉल पर बात हो गई शेफाली, आनंद के पापा ने थोड़ी ही बात की और मुझे गॉड ब्लेस यू भी बोल दिया ...
शेफाली खुश होती है ...पूनम तेरा तो काम बन गया बेटा ...जा मौज कर अब कोई अड़ंगा नहीं है ...
पूनम हंसती है और कहती है... हां आनंद के पापा मम्मी बहुत अच्छे हैं... लेकिन अब जब उज्जैन जाएंगे तब पापा को थोड़ा कन्वेंस करना मुश्किल लग रहा है...
शिफाली कहती है ...अरे लड़की के पिता हमेशा डरे हुए रहते हैं....मुझे पूरा भरोसा है कि तुम लोग जब उज्जैन जाओगे तो तुम्हारे पापा भी तुमसे और आनंद से बात करके कन्वेंस हो जाएंगे...
पूनम थोड़ा राहत महसूस करती है और शेफाली से जाकर लिपट जाती है, थैंक यू जान ...
शेफाली झूठ मूठ का गुस्सा करके पूनम को अपने से अलग करती है और कहती है मैं तेरी जान नहीं हूं, तेरी जान तो आनंद है जा उससे जाकर लिपट... पूनम हंसने लगती है और शेफाली भी खिलखिलाती है
ऑफिस में आनंद एक दिन पूनम से कहता है...सुनो चांद तुम्हारे पापा के नंबर दे दो ...
पूनम पूछती है क्या बात है आनंद पापा के नंबर क्यों मांग रहे हो...
आनंद कहता है ...अरे भाई हम लोग जा रहे हैं उज्जैन तो मेरे पापा ने सोचा पहले फोन कर ले अपने होने वाले समधी जी को ...
पूनम के चेहरे पर मिले जुले भाव आते हैं. वह मन ही मन सोचती है... जाने क्या बात होगी क्यों आनंद के पापा मेरे पापा से बात करना चाह रहे हैं और जाने क्या बात हो गई है दोनों में ...फिर भी पूनम आनंद को अपने पापा के फोन नंबर मैसेज करती है
2 दिन बाद पूनम के पापा का कॉल आता है पूनम के पास
हां पापा नमस्ते ...पूनम कहती है
उनके पापा जवाब में कहते... जीते रहो बेटा आज सुबह आनंद के पापा जी का फोन आया था मेरे पास, बात करने से ही बहुत सज्जन पुरुष लग रहे हैं और तुम तो आनंद की तारीफ करती ही रहती हो तुम्हारी मां मुझे बताती रहती है... अब बेटा तुम समझदार हो और अपना भला-बुरा अच्छी तरह जानती हो मुझे तुम्हारे रिश्ते से कोई दिक्कत नहीं है आनंद के घरवाले बहुत ही अच्छे लोग हैं ऐसा मुझे फोन पर बात करने से समझ आ रहा है तुम लोगों का आने का प्रोग्राम शायद शनिवार को है न ...
पूनम थोड़ा खुश होती है और कहती है... हां पापा हम लोग शनिवार को सुबह ट्रेन से पहुंचेंगे
कौन-कौन आ रहा है ...पूनम के पापा पूछते हैं
पूनम कहती है मैं हूं ...आनंद है, आनंद की मम्मी है बस हम तीनों ही आ रहे हैं...
चलो बेटा आ जाओ... और मैं इंदौर फोन करके तेरे मामा को भी खबर कर रहा हूं हो सकता है वह लोग भी आएं ...
पूनम थोड़ा और खुश होती है और कहती है... हां पापा जी जरूर फोन करें
शुक्रवार को ऑफिस से आनंद जल्दी निकल जाता है. पूनम और शेफाली बातचीत कर रहे होते हैं, तभी निवेदिता आ जाती है
शेफाली झूठ मूठ का गुस्सा करके पूनम को अपने से अलग करती है और कहती है मैं तेरी जान नहीं हूं, तेरी जान तो आनंद है जा उससे जाकर लिपट... पूनम हंसने लगती है और शेफाली भी खिलखिलाती है
ऑफिस में आनंद एक दिन पूनम से कहता है...सुनो चांद तुम्हारे पापा के नंबर दे दो ...
पूनम पूछती है क्या बात है आनंद पापा के नंबर क्यों मांग रहे हो...
आनंद कहता है ...अरे भाई हम लोग जा रहे हैं उज्जैन तो मेरे पापा ने सोचा पहले फोन कर ले अपने होने वाले समधी जी को ...
पूनम के चेहरे पर मिले जुले भाव आते हैं. वह मन ही मन सोचती है... जाने क्या बात होगी क्यों आनंद के पापा मेरे पापा से बात करना चाह रहे हैं और जाने क्या बात हो गई है दोनों में ...फिर भी पूनम आनंद को अपने पापा के फोन नंबर मैसेज करती है
2 दिन बाद पूनम के पापा का कॉल आता है पूनम के पास
हां पापा नमस्ते ...पूनम कहती है
उनके पापा जवाब में कहते... जीते रहो बेटा आज सुबह आनंद के पापा जी का फोन आया था मेरे पास, बात करने से ही बहुत सज्जन पुरुष लग रहे हैं और तुम तो आनंद की तारीफ करती ही रहती हो तुम्हारी मां मुझे बताती रहती है... अब बेटा तुम समझदार हो और अपना भला-बुरा अच्छी तरह जानती हो मुझे तुम्हारे रिश्ते से कोई दिक्कत नहीं है आनंद के घरवाले बहुत ही अच्छे लोग हैं ऐसा मुझे फोन पर बात करने से समझ आ रहा है तुम लोगों का आने का प्रोग्राम शायद शनिवार को है न ...
पूनम थोड़ा खुश होती है और कहती है... हां पापा हम लोग शनिवार को सुबह ट्रेन से पहुंचेंगे
कौन-कौन आ रहा है ...पूनम के पापा पूछते हैं
पूनम कहती है मैं हूं ...आनंद है, आनंद की मम्मी है बस हम तीनों ही आ रहे हैं...
चलो बेटा आ जाओ... और मैं इंदौर फोन करके तेरे मामा को भी खबर कर रहा हूं हो सकता है वह लोग भी आएं ...
पूनम थोड़ा और खुश होती है और कहती है... हां पापा जी जरूर फोन करें
शुक्रवार को ऑफिस से आनंद जल्दी निकल जाता है. पूनम और शेफाली बातचीत कर रहे होते हैं, तभी निवेदिता आ जाती है
निवेदिता कहती है... बधाई हो पूनम अब तो तुम्हारी शादी पक्की होने वाली है...
पूनम मुस्कुराते हुए जवाब देती है हां निवि जा रहे हैं हम लोग उज्जैन... शायद मामा जी भी इंदौर से आएंगे...
निवेदिता कुछ सोचते हुए बोलती है तुम्हारे मामा जी उज्जैन रहते हैं...? तो क्या आनंद एक दिन उज्जैन में किसी से मिलने गया था... वह तुम्हारे मामा जी थे क्या ...?
पूनम शेफ़ाली की तरफ देखते हुए कहती है ...हां शायद वो मामा जी के घर ही खाना खाने गए थे
शिफाली अपनी भवें ऊंची करके बोलती है अरे वाह अभी तो शादी फिक्स हो रही है और अभी से ही आनंद इनके वो हो गए, इतना कहते ही निवेदिता और शेफाली हंसने लगते हैं और पूनम झूठ मूठ का गुस्सा करके शेफाली को बांह पर एक हल्का सा चाटा लगाती है
22 तारीख को सुबह उज्जैन स्टेशन पर उतरते ही आनंद उसके मम्मी और पूनम को लेने लव आता है, लव पूनम का छोटा भाई है वह आनंद के मम्मी के पैर छूता है और नमस्ते आंटी कहता है, सबका सामान अकेले ही उठाकर ले जाने लगता है आनंद कहता है... अरे भाई क्यों तकलीफ कर रहे हो सब लोग अपना अपना बैग उठा लेंगे तो वह दांत निपोरते हुए कहते हैं ...नहीं जीजा जी मुझे तो पापा ने कह कर भेजा था कि सबका सामान तू ही उठाना... आनंद की मम्मी हंसने लगती है... हां भाई साला अपने जीजा जी की सेवा तो करेगा ही ...पूनम भी हंसती है
पूनम का घर कुछ खास बड़ा नहीं था, दरवाजे से अंदर आते ही एक छोटा सा चौक था और एक तरफ रसोई और दूसरी तरफ दो कमरे थे ऊपर की तरफ एक कमरा और बना हुआ था जहां पर आनंद और उसकी मम्मी के रहने का बंदोबस्त किया गया था ...वहीं नीचे चौक से लगते हुए एक बरामदा था जिसमें बैठक थी पूनम के मम्मी पापा हाथ जोड़ते हुए आनंद और आनंद की मम्मी का अभिवादन करते हैं और बड़े आत्मीयता से मिलते हैं आनंद की मम्मी बड़ी खुश होती है
उसी दिन दोपहर में आशीष पूनम के घर आता है... ओ लव कहां है तू ...बहार तो गाड़ी पार्क करने की जगह ही नहीं है चल तो एक बार बहार ...
बैठक में आनंद पूनम के पापा के साथ बैठा होता है और अखबार देख रहा होता है ... आशीष आनंद को देखता है तो बैठक पर आकर मिलता है उनसे हाथ मिलता है और पूछता है ...कैसे हैं आनंद
आनंद जवाब देता है मैं ठीक हूं ...हाउ आर यू
आशीष जवाब मैं कहता है फाइन
में ज़रा गाडी पार्क करके और पापा मम्मी को लेकर अभी 2 मिनट में आता हूं
चंद मिनटों में पूनम के मामा और मामी आते हैं और आनंद की मम्मी से मिलते हैं बातों में सब लोग इतना मशगूल होते हैं मानो एक ही परिवार के सदस्य हैं
आनंद इन सब की बातों में से उठकर चौक में जाता है और दूसरे कमरे में जहां पूनम बैठी होती है उसे इशारा करके बाहर बुलाता है, आनंद धीरे से कहता है सुनो चांद इन सब लोगों को बातें करने दो तुम और हम बाहर चलते हैं
पूनम लव को बुलाती है और उसको कान में कहती है कि हम लोग बाहर जा रहे हैं... खाने तक लौट आएंगे
लव अपने स्कूटर की चाबी निकालकर पूनम को दे देता है पूनम और आनंद स्कूटर पर उज्जैन में ही एक तालाब के लिए निकल पड़ते हैं... तालाब किनारे आनंद और पूनम सेट कर बैठे होते हैं... आनंद कहता है ...सुनो चांद आज मुझे वह दिन याद हो रहा है जब हम पहाड़ी पर गए थे
पूनम आनंद की आंखों में झांक कर कहती है ...हां कितना मजा आया था उस दिन
आनंद हाथ मलते हुए, थोड़ा नॉटी होते हुए कहता है... मजा तो यहां पर भी आ सकता है पर छोटे शहर में यह सब मुमकिन नहीं है और आंख मारता है...
पूनम खिलखिलाकर हंसती है और कहती है मेन विल ऑलवेज बी मेन
आनंद भी हंसता है
पूनम मुस्कुराते हुए जवाब देती है हां निवि जा रहे हैं हम लोग उज्जैन... शायद मामा जी भी इंदौर से आएंगे...
निवेदिता कुछ सोचते हुए बोलती है तुम्हारे मामा जी उज्जैन रहते हैं...? तो क्या आनंद एक दिन उज्जैन में किसी से मिलने गया था... वह तुम्हारे मामा जी थे क्या ...?
पूनम शेफ़ाली की तरफ देखते हुए कहती है ...हां शायद वो मामा जी के घर ही खाना खाने गए थे
शिफाली अपनी भवें ऊंची करके बोलती है अरे वाह अभी तो शादी फिक्स हो रही है और अभी से ही आनंद इनके वो हो गए, इतना कहते ही निवेदिता और शेफाली हंसने लगते हैं और पूनम झूठ मूठ का गुस्सा करके शेफाली को बांह पर एक हल्का सा चाटा लगाती है
22 तारीख को सुबह उज्जैन स्टेशन पर उतरते ही आनंद उसके मम्मी और पूनम को लेने लव आता है, लव पूनम का छोटा भाई है वह आनंद के मम्मी के पैर छूता है और नमस्ते आंटी कहता है, सबका सामान अकेले ही उठाकर ले जाने लगता है आनंद कहता है... अरे भाई क्यों तकलीफ कर रहे हो सब लोग अपना अपना बैग उठा लेंगे तो वह दांत निपोरते हुए कहते हैं ...नहीं जीजा जी मुझे तो पापा ने कह कर भेजा था कि सबका सामान तू ही उठाना... आनंद की मम्मी हंसने लगती है... हां भाई साला अपने जीजा जी की सेवा तो करेगा ही ...पूनम भी हंसती है
पूनम का घर कुछ खास बड़ा नहीं था, दरवाजे से अंदर आते ही एक छोटा सा चौक था और एक तरफ रसोई और दूसरी तरफ दो कमरे थे ऊपर की तरफ एक कमरा और बना हुआ था जहां पर आनंद और उसकी मम्मी के रहने का बंदोबस्त किया गया था ...वहीं नीचे चौक से लगते हुए एक बरामदा था जिसमें बैठक थी पूनम के मम्मी पापा हाथ जोड़ते हुए आनंद और आनंद की मम्मी का अभिवादन करते हैं और बड़े आत्मीयता से मिलते हैं आनंद की मम्मी बड़ी खुश होती है
उसी दिन दोपहर में आशीष पूनम के घर आता है... ओ लव कहां है तू ...बहार तो गाड़ी पार्क करने की जगह ही नहीं है चल तो एक बार बहार ...
बैठक में आनंद पूनम के पापा के साथ बैठा होता है और अखबार देख रहा होता है ... आशीष आनंद को देखता है तो बैठक पर आकर मिलता है उनसे हाथ मिलता है और पूछता है ...कैसे हैं आनंद
आनंद जवाब देता है मैं ठीक हूं ...हाउ आर यू
आशीष जवाब मैं कहता है फाइन
में ज़रा गाडी पार्क करके और पापा मम्मी को लेकर अभी 2 मिनट में आता हूं
चंद मिनटों में पूनम के मामा और मामी आते हैं और आनंद की मम्मी से मिलते हैं बातों में सब लोग इतना मशगूल होते हैं मानो एक ही परिवार के सदस्य हैं
आनंद इन सब की बातों में से उठकर चौक में जाता है और दूसरे कमरे में जहां पूनम बैठी होती है उसे इशारा करके बाहर बुलाता है, आनंद धीरे से कहता है सुनो चांद इन सब लोगों को बातें करने दो तुम और हम बाहर चलते हैं
पूनम लव को बुलाती है और उसको कान में कहती है कि हम लोग बाहर जा रहे हैं... खाने तक लौट आएंगे
लव अपने स्कूटर की चाबी निकालकर पूनम को दे देता है पूनम और आनंद स्कूटर पर उज्जैन में ही एक तालाब के लिए निकल पड़ते हैं... तालाब किनारे आनंद और पूनम सेट कर बैठे होते हैं... आनंद कहता है ...सुनो चांद आज मुझे वह दिन याद हो रहा है जब हम पहाड़ी पर गए थे
पूनम आनंद की आंखों में झांक कर कहती है ...हां कितना मजा आया था उस दिन
आनंद हाथ मलते हुए, थोड़ा नॉटी होते हुए कहता है... मजा तो यहां पर भी आ सकता है पर छोटे शहर में यह सब मुमकिन नहीं है और आंख मारता है...
पूनम खिलखिलाकर हंसती है और कहती है मेन विल ऑलवेज बी मेन
आनंद भी हंसता है
रविवार 23 फरवरी पूनम के घर पर उत्सव का सा माहौल है...
पूनम के मामा जी मामी जी और आशीष आये हुए हैं, इधर आनंद और पूनम के मम्मी पापा और छोटा भाई लव ऐसा लग रहा है मानो कोई शादी का घर है, सुबह से ही घर में चहल-पहल सी है
आनंद के पापा और पूनम के पापा ने बैठकर यह तय किया कि आज एक शगुन कर लेते हैं, सगाई और शादी की तारीख बाद में तय कर लेंगे
पूनम आज बहुत खुश है, शेफ़ाली का फोन आता है वह पूनम से पूछती है ...पुन्नो, माय डार्लिंग क्या हाल है तेरे...
हां शेफाली सब ठीक है तुम बताओ
शेफाली कहती है बताने के लिए ...हमारे पास क्या है जानेमन सब हैपनिंग तो तेरी लाइफ में है
पूनम फिर हंसती है और कहती है आज पापा और आनंद की फैमिली ने एक शगुन रखने का डिसाइड किया है और सगाई और शादी की तारीख बाद में तय करेंगे
शेफाली खुश होते हुए कहती है... ऑल द बेस्ट पूनम, खुश रहना यार...
पूनम उसको एक लंबा सा थैंक्यू कहती है.
दोपहर में एक छोटी सी रिंग सेरेमनी का इंतजाम किया जाता है आशीष और लव कामों में लगे हुए हैं उधर मामी पूनम को तैयार कर रही होती है...
पूनम के मम्मी पापा आनंद के मम्मी पापा के साथ बैठे बातचीत कर रहे हैं तभी आनंद पूनम के कमरे में जाता है और आनंद को आया देखकर मामी जी समझ जाती हैं और दोनों को अकेला छोड़ कर कमरे से निकल जाती हैं
पूनम ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठी होती है, उसके बाल खुले हुए हैं, माथे पर एक सजीली बिंदिया है, चेहरे पर हल्का सा मेकअप, लिपस्टिक और कानों में लंबे ईयर रिंग्स... बला की खूबसूरत लगती है पूनम.
आनंद कमरे में ही पलंग पर आकर बैठता है ...पूनम ड्रेसिंग टेबल के सामने से आनंद को देखती है और मुस्कुराती है
आनंद उसे एकटक देखता है और पूछता है ...चांद खुश हो ना तुम
पूनम कहती है हां बहुत खुश हूं और उठकर आनंद के पास बेड पर आती है
आनंद पूनम का हाथ अपने हाथ में लेता है और चूमता है और धीरे से कहता है... आई लव यू पूनम
पूनम उसकी तरफ देखती है और फिर धीरे से अपना सर उसके कंधे पर रखकर कहती है... आई लव यू टू चांद
पूनम के मामा जी मामी जी और आशीष आये हुए हैं, इधर आनंद और पूनम के मम्मी पापा और छोटा भाई लव ऐसा लग रहा है मानो कोई शादी का घर है, सुबह से ही घर में चहल-पहल सी है
आनंद के पापा और पूनम के पापा ने बैठकर यह तय किया कि आज एक शगुन कर लेते हैं, सगाई और शादी की तारीख बाद में तय कर लेंगे
पूनम आज बहुत खुश है, शेफ़ाली का फोन आता है वह पूनम से पूछती है ...पुन्नो, माय डार्लिंग क्या हाल है तेरे...
हां शेफाली सब ठीक है तुम बताओ
शेफाली कहती है बताने के लिए ...हमारे पास क्या है जानेमन सब हैपनिंग तो तेरी लाइफ में है
पूनम फिर हंसती है और कहती है आज पापा और आनंद की फैमिली ने एक शगुन रखने का डिसाइड किया है और सगाई और शादी की तारीख बाद में तय करेंगे
शेफाली खुश होते हुए कहती है... ऑल द बेस्ट पूनम, खुश रहना यार...
पूनम उसको एक लंबा सा थैंक्यू कहती है.
दोपहर में एक छोटी सी रिंग सेरेमनी का इंतजाम किया जाता है आशीष और लव कामों में लगे हुए हैं उधर मामी पूनम को तैयार कर रही होती है...
पूनम के मम्मी पापा आनंद के मम्मी पापा के साथ बैठे बातचीत कर रहे हैं तभी आनंद पूनम के कमरे में जाता है और आनंद को आया देखकर मामी जी समझ जाती हैं और दोनों को अकेला छोड़ कर कमरे से निकल जाती हैं
पूनम ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठी होती है, उसके बाल खुले हुए हैं, माथे पर एक सजीली बिंदिया है, चेहरे पर हल्का सा मेकअप, लिपस्टिक और कानों में लंबे ईयर रिंग्स... बला की खूबसूरत लगती है पूनम.
आनंद कमरे में ही पलंग पर आकर बैठता है ...पूनम ड्रेसिंग टेबल के सामने से आनंद को देखती है और मुस्कुराती है
आनंद उसे एकटक देखता है और पूछता है ...चांद खुश हो ना तुम
पूनम कहती है हां बहुत खुश हूं और उठकर आनंद के पास बेड पर आती है
आनंद पूनम का हाथ अपने हाथ में लेता है और चूमता है और धीरे से कहता है... आई लव यू पूनम
पूनम उसकी तरफ देखती है और फिर धीरे से अपना सर उसके कंधे पर रखकर कहती है... आई लव यू टू चांद
👌👌👌👌
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