एमबीए / इश्क़ भाग 2 - थपकी
आकाश और श्रुति मॉल पहुंचे, पार्किंग में मोटरसाइकिल खड़ी कर दोनों फूड कोर्ट की तरफ बढ़ चले, कैफ़े पहुंचते ही आकाश ने कैफ़े के मालिक से बात करनी शुरू की - भैया हमारे इंस्टिट्यूट में एक कल्चरल फेस्टिवल होने जा रहा है, इसमें शहर के कुछ 24-25 कॉलेज भाग लेंगे क्या आप इस फेस्टिवल में अपना फूड स्टॉल लगाना चाहेंगे... कैफ़े मालिक ने बोला अभी थोड़ा सा बिज़ी हूं आप बाद में आईये, तसल्ली से बात होगी, कैफ़े मालिक को पता था कि यह लड़का पास ही इंस्टिट्यूट से आया है और उसके रेगुलर ग्राहकों में से एक है... इसीलिए उसने पोलाइटली बात टाल दी. आकाश कुछ निराश हुआ और जाकर एक कुर्सी पर बैठ गया, श्रुति पीछे खड़ी थी, उसने देखा बात कुछ बनी नहीं. श्रुति ने एक कुर्सी खींची और आकाश के पास जा कर बैठी. श्रुति ने कहना शुरू किया - आकाश, अब आ ही गए हैं, तो कॉफी ऑर्डर करो ना… यहां की कॉफी अच्छी है ना... आकाश कैफ़े के काउंटर पर गया और कॉफी का आर्डर दिया, कुछ ही मिनटों में कॉफी तैयार हो गई और दोनों हाथों में कॉफी के कप लिए आकाश श्रुति के पास पहुंचा. उसने इधर-उधर नज़र दौड़ाई, आकाश को कोई स्टूल नहीं दिखा. श्रुति उठी और थोड़