दिल हुआ
दुनिया की दौड धूप से होकर परेशां
आज तुझसे गले लगने का दिल हुआ
मुँह का स्वाद कुछ कसेला है
तू भी लगा मुझे बेहद उदास
इस मतलबपरस्त जहाँ से
तेरी आँख से जो गिरी शहद की बूंद
आज यही मिठास चखने का दिल हुआ
स्कूल रीयूनियन पर पुराने संगी साथियों से मुलाक़ात हुई, कुछ से पहले भी मिला था, कुछ से स्कूल के बाद पहली बार भेंट हुई. यह पंक्तियाँ उसी मुलाक़ात के नाम.
आज तुझसे गले लगने का दिल हुआ
मुँह का स्वाद कुछ कसेला है
तू भी लगा मुझे बेहद उदास
इस मतलबपरस्त जहाँ से
तेरी आँख से जो गिरी शहद की बूंद
आज यही मिठास चखने का दिल हुआ
स्कूल रीयूनियन पर पुराने संगी साथियों से मुलाक़ात हुई, कुछ से पहले भी मिला था, कुछ से स्कूल के बाद पहली बार भेंट हुई. यह पंक्तियाँ उसी मुलाक़ात के नाम.
badhiyaa
ReplyDeleteशुक्रिया!
Deleteमुबारक दिन था
ReplyDeleteवाह, अपनों से मिलने में सह भाव फूट ही आते हैं।
ReplyDeleteManoj, even I want to experience the same.....hope to meet you all very soon....
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