मुझसे शादी कर ले


काम की व्यस्तता के चलते कुछ डाउन था.. यह डाउन होना मूड का डाउन होना भी समझा जा सकता है, या फिर एक तरह की उदासीनता.. जिसे शायद एक्सप्लेन करना थोडा मुश्किल है. ऐसे पलों में उन सबकी याद आती है जिनके साथ कुछ बेहतर समय गुज़रा है ..

यूँ ही एक दिन अपने काम से साईकाईट्री सेंटर जाना हुआ, अक्सर जाना होता है.. आम बोल चाल की भाषा में पागलखाना.. जहाँ पागलों का इलाज होता है. सर्दी की दोपहर और अफसर के इंतज़ार था, फ़ोन पर बात करते हुए मैं लोन से हटकर पक्के फर्श पर चलने लगा. यह हिस्सा महिला वार्ड के पीछे की तरफ है, थोडा अलेहदा.. एक आवाज़ सुनी 'डाक्टर, इधर आ'. अक्सर सुना है इसलिए ध्यान नहीं दिया. फ़ोन पर बात ख़त्म हुई तो साथ वाले बन्दे ने आकर बताया कि साहब को अभी आधा घंटा और लगेगा. मरीज़ अक्सर फोर्मल ड्रेस वाले लोगों को डॉक्टर समझते हैं.

'डाक्टर इधर आ पिलीज'.
लड़की, उम्र यही कोई बाईस तेईस बरस, आँखें भूरी और गोरा रंग. थोडा सा खिड़की की तरफ बढ़कर मैंने मुस्कुरा के पूछा 'कैसी हो, अब तबीयत ठीक है ?'
वह मुस्कुरायी 'हाँ एकदम ठीक'
'अच्छा है, तो घर वालों को खबर कर देते हैं, वोह आकर ले जायेंगे '
'घर वाले तो छोड़ कर गए हैं, वोह नहीं आयेंगे. तू मुझसे शादी कर ले, और मुझे यहाँ से ले जा'
कई बार ऐसे पलों में उन सबकी याद आती है जिनके साथ कुछ बेहतर समय गुज़रा है.. वोह याद हो आई.. उसने भी पूछा था .. और मुझमें हिम्मत नहीं थी.
ऐसा महसूस हो रहा था जाने वोह कुछ और भी कहना चाह रही हो पर मैं ही खिड़की से कुछ कदम दूर चला आया
'अरे डाक्टर कहाँ जा रहा है, क्या तू भी मुझे धोखा देगा'
शायद इन आँखों के पीछे एक बेहद लम्बी दास्ताँ है जो उसके कहे इन हर्फों में छुपी है... ज़िन्दगी सचमुच कई बार धोखा दे जाती है..





Comments

  1. जिन्दगी सचमुच कई बार धोखा दे जाती है।

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  2. बहुत कुछ छुपा है उसमें जो आपने अनकहा छोड़ दिया है.
    ऐसा इस तरह के मरीजों के साथ होता रहा है जब इलाज लंबा चलता है पर परिजनों का धैर्य इतना लंबा नहीं हो पाता.और कई अवसरों की तरह जीवन छलना के रूप में सामने आता है.

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  3. बहुत गहरी बात कह दी !!!! बढ़िया कहानी...

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  4. nice piece of work Manoj....truly sentimental....

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  5. :-( kam shabdo mein dard ki baangi

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  6. जीवन की शक्लें बेहिसाब है. ऐसे चेहरे मन को भेदते हुए गुजरते हैं.

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  7. ओह! मुझे अपनी एक पुरानी पोस्ट पगली याद हो आई।

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  8. मनोज,
    लाईफ़ इज़ ए जोक!
    आशीष

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  9. This story reminded me of song " kaun rota hey kisi aur ke khatir aey dost sabko apni hi kisi baat pe Rona aaya"

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